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नया Aadhaar ऐप लॉन्च: फेस आईडी से बदल रहा है सब कुछ

Aadhaar Card

नया आधार ऐप: एक बड़ा बदलाव

Aadhaar कार्ड वालों के लिए बड़ी खबर! सरकार ने एक नया ऐप लॉन्च किया है। अब आपको पुराना कार्ड ढूंढने की टेंशन नहीं। मुझे हमेशा कार्ड की कॉपी ढूंढने से चिढ़ होती थी। अब वो परेशानी खत्म। ये ऐप फेस आईडी यूज करता है। बस फोन पर चेहरा दिखाओ, और हो गया। ये तेज, आसान और मॉडर्न लगता है।

कब और किसने लॉन्च किया?

8 अप्रैल 2025 को दिल्ली में ये लॉन्च हुआ। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे पेश किया। वो टेक चीजों के मास्टर हैं। उन्होंने X पर कहा, “कोई फिजिकल कार्ड नहीं, कोई कॉपी नहीं।” मैंने उनका वीडियो देखा—सच में, एक टैप से काम हो जाता है। अब होटल, दुकान या एयरपोर्ट पर कार्ड देने की जरूरत नहीं। मुझे हमेशा कार्ड किसी को देना अजीब लगता था।

फेस आईडी और क्यूआर कोड की ताकत

ऐप में क्यूआर कोड भी है। इसे स्कैन करो, और आपकी पहचान पक्की। जैसे यूपीआई से कॉफी का पेमेंट—तेज और आसान। वैष्णव ने कहा, ये इतना ही सरल है। मैं यूपीआई खूब यूज करता हूं, तो ये मुझे समझ आता है। आप ये भी चुन सकते हो कि कितनी जानकारी शेयर करनी है। होटल में सिर्फ नाम चाहिए? बस वही दो। मुझे पूरा कार्ड दिखाने से बचना अच्छा लगता है।

अभी बीटा में है, जल्द आएगा

ये ऐप अभी बीटा में है। यानी टेस्टिंग चल रही है। सबके लिए अभी नहीं आया, पर सरकार इसे जल्द लाएगी। वो हमसे फीडबैक भी चाहते हैं। मुझे लगता है ये जल्दी आए तो बैग हल्का हो जाएगा। प्राइवेसी का भी ध्यान रखा गया है। हर शेयर के लिए आपकी मंजूरी चाहिए। कोई आपके डेटा से छेड़छाड़ नहीं कर सकता। मेरे लिए ये बड़ी बात है—डेटा चोरी की चिंता रहती थी।

Aadhaar: सरकार का बेस

वैष्णव ने कहा कि Aadhaar कई सरकारी प्लान्स का बेस है। वो इसे और टेक के साथ जोड़ रहे हैं। एआई और डिजिटल सिस्टम इसमें शामिल हैं। सब कुछ आसान और सुरक्षित करने की कोशिश है। मुझे ये पसंद है—कम कागज, ज्यादा कंट्रोल। उन्होंने टेक वालों से भी नए आइडिया मांगे हैं। अच्छा है, क्योंकि हम रोज इसका इस्तेमाल करते हैं।

फेस आईडी कैसे काम करता है?

फेस आईडी इसकी सबसे खास चीज है। ऐप खोलो, चेहरा स्कैन करो, और हो गया। Aadhaar बनवाते वक्त जो फोटो ली थी, उससे मैच होता है। न फिंगरप्रिंट, न ओटीपी—बस आपका चेहरा। मैं अपने फोन पर फेस आईडी यूज करता हूं, तो ये आसान लगता है। ये सुरक्षित भी है—कोई आपका चेहरा कॉपी नहीं कर सकता। क्यूआर कोड इसे और मजबूत बनाता है।

मेरी जिंदगी में क्या बदलाव?

मैं कई बार Aadhaar कॉपी भूल गया और परेशान हुआ। एक बार एयरपोर्ट पर फंस गया था। ये ऐप होता तो बच जाता। अब बस फोन चाहिए, जो मेरे पास हमेशा रहता है। ये पूरी तरह डिजिटल है। मुझे ऐसा ही चाहिए—कम सामान, ज्यादा आराम।

लॉन्च इवेंट का माहौल

दिल्ली में Aadhaar संवाद इवेंट में ये लॉन्च हुआ। 750 से ज्यादा लोग आए। सरकार और इंडस्ट्री वाले शामिल थे। सब इस टेक को सपोर्ट कर रहे हैं। वैष्णव ने कहा कि ये इंडिया की डिजिटल तरक्की का हिस्सा है। हम पहले से क्यूआर से पेमेंट करते हैं—अब वैरिफिकेशन भी ऐसा ही होगा।

कब मिलेगा सबको?

अभी बीटा है, तो थोड़ा इंतजार है। पर जब आएगा, मैं फटाफट डाउनलोड करूंगा। न कॉपी की दौड़, न कार्ड खोने का डर। बस मेरा चेहरा और फोन। अगर आपको भी पुराना तरीका बोर करता है, तो ये हमारे लिए है। जल्दी आएगा—नजर रखो!

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